Duniya Banane Wale [Revival]

KAIFI AZMI, MADAN MOHAN

दुनिया बनाने वाले, यही है मेरी इल्तिजा
के हो न कभी अपने जुदा
दुनिया बनाने वाले, यही है मेरी इल्तिजा
के हो न कभी अपने जुदा

हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

घर के जो उजाले हैं बचाना उन्हें
जाके अपने सीने से लगाना उन्हें
तू भी उनका साथी है बताना उन्हें
जल्द ही वो आए, लुटे घर बसाए
यही दिल से निकले सदा
के हो न कभी अपने जुदा

पहना है अंधेरों का ज़मीन-ए-कफन
सूनी-सूनी दुनिया है, सहमा सा चमन
काटें छू पाए न फ़ूलों का बदन
तरे हवाले बहारों के पाले
दुखी दिल की है ये दुआ
के हो न कभी अपने जुदा
दुनिया बनाने वाले, यही है मेरी इल्तिजा
के हो न कभी अपने जुदा
दुनिया बनाने वाले, यही है मेरी इल्तिजा
के हो न कभी अपने जुदा

Trivia about the song Duniya Banane Wale [Revival] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Duniya Banane Wale [Revival]” by Lata Mangeshkar?
The song “Duniya Banane Wale [Revival]” by Lata Mangeshkar was composed by KAIFI AZMI, MADAN MOHAN.

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