Duniya Men Aisa Kahan Sabka Naseeb

Roshan, ANANDSHI BAKSHI

दुनिया में ऐसा कहा सब का नसीब है
कोई कोई अपने पिया के करीब है
दुनिया में ऐसा कहा सब का नसीब है

दूर ही रहते है उनसे किनारे
जिनको ना कोई माँजी पर उतरे
दूर ही रहते है उनसे किनारे
जिनको ना कोई माँजी पर उतरे
साथ हैं माँजी तोह किनारा भी करीब है
दुनिया में ऐसा कहा सब का नसीब है

चाहे बुझा दे कोई दीपक सारे
प्रीत बिछती जाये राह में तारे
चाहे बुझा दे कोई दीपक सारे
प्रीत बिछती जाये राह में तारे
प्रीत दीवानी की कहानी भी अजीब है
दुनिया में ऐसा कहा सब का नसीब है

बरखा की रुत हो या दिन हो बहार के
लगते हैं सुने सुने बिन तेरे प्यार के
तो हैं तोह जिंदगी को जिंदगी नसीब है
दुनिया में ऐसा कहा सब का नसीब है
कोई कोई अपने पिया के करीब है
दुनिया में ऐसा कहा सब का नसीब है

Trivia about the song Duniya Men Aisa Kahan Sabka Naseeb by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Duniya Men Aisa Kahan Sabka Naseeb” by Lata Mangeshkar?
The song “Duniya Men Aisa Kahan Sabka Naseeb” by Lata Mangeshkar was composed by Roshan, ANANDSHI BAKSHI.

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