Ek Hi Tha Jagat Mein Sahara

Habeeb Sarhadi

एक ही था जगत में सहारा
न रहा अब तो वो भी हमारा
न रहा न रहा
एक ही था जगत में सहारा
न रहा अब तो वो भी हमारा
न रहा न रहा
तेरी इतनी बड़ी दुनिया में
तेरी इतनी बड़ी दुनिया में
किसको जाने हम अपना सहारा
कोई जलता रहे तो तुम्हे क्या
तुम तो चुपके से देखो नज़ारा
न रहा अब तो वो भी हमारा
न रहा न रहा

देखो देखो पपीहा पुकारा
कही रोता है बुलबुल बेचारा
कही गिरते है आँसू समां के
दुःख भरा है जगत ये तुम्हारा
पर तुम्हे तो दया भी न आयी
लाख तडपा दुख का मारा
न रहा अब तो वो भी हमारा
न रहा न रहा

हम को इंसान बना कर उतारा
देके बेचेनियो का सहारा
उनसे अपने जहा को बता कर
मुझको दर्दे जुदाई से मारा
सुख कहि दुःख कही कही रोना
वाह रे मालिक नया ये तुम्हारा
न रहा अब तो वो भी हमारा
न रहा न रहा
एक ही था जगत में सहारा
न रहा अब तो वो भी हमारा
न रहा न रहा

Trivia about the song Ek Hi Tha Jagat Mein Sahara by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Ek Hi Tha Jagat Mein Sahara” by Lata Mangeshkar?
The song “Ek Hi Tha Jagat Mein Sahara” by Lata Mangeshkar was composed by Habeeb Sarhadi.

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