Gar Tum Bhula Na Doge [Revival]

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

गर तुम भुला ना दोगे सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा ना होंगे हम तुम जुदा ना होंगे
गर तुम भुला ना दोगे सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा ना होंगे हम तुम जुदा ना होंगे

पत्थर की है लकीरें कहदे वफ़ा हमारी
हरगिज़ ना मिट सकेंगे, नाम-ओ-निशाँ हमारी
चाहत की मंज़िलों पर हर साँस ये पुकारे
गर तुम भुला न दोगे ना दोगे सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा ना होंगे हम तुम जुदा ना होंगे

जीवन के हर सफ़र में हम साथ ही रहेंगे
जीवन के हर सफ़र में हम साथ ही रहेंगे
हम साथ ही जियेंगे हम साथ ही मारेंगे
गर तुम भुला न दोगे ना दोगे सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा ना होंगे हम तुम जुदा ना होंगे
गर तुम भुला न दोगे ना दोगे सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा ना होंगे हम तुम जुदा ना होंगे

Trivia about the song Gar Tum Bhula Na Doge [Revival] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Gar Tum Bhula Na Doge [Revival]” by Lata Mangeshkar?
The song “Gar Tum Bhula Na Doge [Revival]” by Lata Mangeshkar was composed by JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT.

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