Geet Kaab Sarhaden Manta Hai

JAVED AKHTAR, MAYURESH PAI

ह्म्‍म्म्म सा नि सा

गीत कब सरहदें मानते हैं
गीत कब सरहदें मानते हैं
गीत दुनिया को एक जानते है

गीत कब सरहदें मानते हैं
गीत दुनिया को एक जानते है

सा नि सा
गीत हैं घूमते मुल्कों मुल्कों
गीत हैं घूमते मुल्कों मुल्कों
इनको दिलवाले पहचानते हैं

सुर तो हैं साँस इंसानियत की
ताल दुनिया के दिल की है धड़कन

सुर तो हैं साँस इंसानियत की
ताल दुनिया के दिल की है धड़कन
साज़ होते नही हैं पराए
साज़ होते नही हैं पराए
अच्छी आवाज़ छ्होटी है हर मॅन
सा नि सा

आओ बारूद के शोर को हम
मीठे मद्धम सुरों मे डुबों दे
आओ बारूद के शोर को हम
मीठे मद्धम सुरों मे डुबों दे
जो सियासत ने ज़ख़्म बख़्शे
उनके संगीत मरहम लगा दे
सा नि सा.

Trivia about the song Geet Kaab Sarhaden Manta Hai by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Geet Kaab Sarhaden Manta Hai” by Lata Mangeshkar?
The song “Geet Kaab Sarhaden Manta Hai” by Lata Mangeshkar was composed by JAVED AKHTAR, MAYURESH PAI.

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