Guzaraa Huaa Zamaanaa

Mohinder Singh

गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

खुशियाँ थीं चार दीन की आँसू हैं उम्र भर के
तन्हाइयों में अक़्सर रोएंगे याद कर के
दो वक़्त जो कि हमने
दो वक़्त जो कि हमने इक साथ है गुज़ारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

मेरी क़सम है मुझको तुम बेवफ़ा न कहना
मजबूर थी मुहब्बत सब कुछ पड़ा है सहना
तूफ़ाँ है ज़िन्दगी का
तूफ़ाँ है ज़िन्दगी का अब आखिरी सहारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

मेरे लिये सहर भी आई है रात बन कर
निकला मेरा जनाज़ा मेरी बरात बन कर
अच्छा हुआ जो तुमने
अच्छा हुआ जो तुमने देखा न ये नज़ारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा

Trivia about the song Guzaraa Huaa Zamaanaa by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Guzaraa Huaa Zamaanaa” by Lata Mangeshkar?
The song “Guzaraa Huaa Zamaanaa” by Lata Mangeshkar was composed by Mohinder Singh.

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