Hum To Bhai Jaise Hain

JAVED AKHTAR, LATE MADAN MOHAN, MADAN MOHAN

हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे

हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे
अब कोई खुश हो या हो खफा
हम नही बदलेंगे, अपनी अदा
समझे ना समझे कोई, हम यही कहेंगे
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे

हम्म हम दिल की शहज़ादी है, मर्ज़ी की मलिका
हा हम दिल की शहज़ादी है, मर्ज़ी की मालिका
सर पे आँचल क्यूँ रखे, ढलका तो ढलका
अब कोई खुश हो या कोई रूठे
इस बात पर चाहे हर बात टूटे
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे

हमे शौक मेहंदी का ना शहनाई का है
हो हमे शौक मेहंदी का ना शहनाई का है
हमारे लिए तो अपना घर ही भला है
सुनता अगर हो तो सुन ले काज़ी
लगता नही कभी हम होंगे राज़ी
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे
अब कोई खुश हो या हो खफा
हम नही बदलेंगे, अपनी अदा
समझे ना समझे कोई हम यही कहेंगे
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे
हम तो भाई जैसे हैं, वैसे रहेंगे

आ हा हा हा हा हा हा आ आ आ आ
ओ हो हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ

Trivia about the song Hum To Bhai Jaise Hain by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Hum To Bhai Jaise Hain” by Lata Mangeshkar?
The song “Hum To Bhai Jaise Hain” by Lata Mangeshkar was composed by JAVED AKHTAR, LATE MADAN MOHAN, MADAN MOHAN.

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