Husn Hazir Hain [Lofi Flip 1]

JAIDEV, MADAN MOHAN, SAHIR LUDHIANVI

हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को
हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को
हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को

मेरे दीवाने को इतना न सताओ लोगों
मेरे दीवाने को इतना न सताओ लोगों
ये तो वहशी है तुम्हीं होश में आओ लोगों
ये तो वहशी है तुम्हीं होश में आओ लोगों
बहुत रंजूर है ये, ग़मों से चूर है ये
बहुत रंजूर है ये, ग़मों से चूर है ये
ख़ुदा का ख़ौफ़ उठाओ बहुत मजबूर है ये
ख़ुदा का ख़ौफ़ उठाओ बहुत मजबूर है ये
क्यों चले आये हो
क्यों चले आये हो बेबस पे सितम ढाने को
कोई पत्थर से हाँ
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को

Trivia about the song Husn Hazir Hain [Lofi Flip 1] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Husn Hazir Hain [Lofi Flip 1]” by Lata Mangeshkar?
The song “Husn Hazir Hain [Lofi Flip 1]” by Lata Mangeshkar was composed by JAIDEV, MADAN MOHAN, SAHIR LUDHIANVI.

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