Is Zamane Men

ANAND BAKSHI, BAPPI LAHIRI

इस ज़माने में है बदनसीबी बुरी
बदनसीबी से भी ये गरीबी बुरी
बिक गयी शर्म की एक चिलमन थी जो
कल तलक शाहिबो दिल की धड़कन थी जो
आज वो घुँघरू क सदा बन गयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी
मई तो थी एक दुआ बद दुआ बन गयी
मई तो थी एक दुआ बद दुआ बन गयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी

मैं तो बचपन की थी एक कहानी अभी
मैं तो बचपन की थी एक कहानी अभी
मुझपे आई न थी ये जवानी अभी
मेरी तक़दीर यु मेरी दुसमन बानी
न मै सजनि बानी न मैं दुल्हन बनी
उससे पहले
उससे पहले ही मई दिलरूबा बा नयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी
मई तो थी एक दुआ बद दुआ बन गयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी

जाने किस भूल की यद् खोयी हु मै
जाने किस भूल की यद् खोयी हु मै
यद् करके इसे कितना रोई हूँ मै
सोचती हु कभी क्या मैं इंसान हूँ
आईने देखके मै तो हैरान हो
क्या थी ये
क्या थी ये जिंदगी और क्या बन गयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी
मई तो थी एक दुआ बद दुआ बन गयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी

मेरे सर पे बड़े सख्त इलज़ाम है
मेरे सर पे बड़े सख्त इलज़ाम है
मेरे दिल पे लिखे सैकड़ो नाम है
न किसी ने किया प्यार मुझसे कभी
न किसी से किया प्यार मैंने अभी
मै भला
मै भला किस तरह बेवफा बन गयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी
मई तो थी एक दुआ बद दुआ बन गयी
मई खता बन गयी मै सज़ा बन गयी

Trivia about the song Is Zamane Men by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Is Zamane Men” by Lata Mangeshkar?
The song “Is Zamane Men” by Lata Mangeshkar was composed by ANAND BAKSHI, BAPPI LAHIRI.

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