Jatin Lalit Speaks And Zara Si Aahat

Kaifi Azmi

कंपोजर है उनकी कोसिसिओं
सीधी दिल को लगती है
मेरे ख्याल से इंडियन इन्स्ट्री मैं
दिल को शून्य वाली कम्पोसिसिओं किसे ने नहीं की

ज़रा सी आहट होती है
तो दिल सोचता है
कही ये वो तो नहीं कही
ये वो तो नहीं कही ये वो तो नहीं
ज़रा सी आहट होती है
तो दिल सोचता है
कही ये वो तो नहीं कही
ये वो तो नहीं कही ये वो तो नहीं

छुप के सीने में आआ
छुप के सीने में कोई
जैसे सदा देता है
शाम से पहले दिया
दिल का जला देता है
है उसी की ये सदा
है उसी की ये अदा
कही ये वो तो नहीं कही
ये वो तो नहीं कही ये वो तो नहीं

शक्ल फिरती है हाँ
शक्ल फिरती है निगाहों
में वही प्यारी सी
मेरी नस-नस में
मचलने लगी चिंगारी सी
छू गई जिस्म मेरा
किस के दामन की हवा
कही ये वो तो नहीं कही
ये वो तो नहीं कही ये वो तो नहीं
ज़रा सी आहट होती है
तो दिल सोचता है
कही ये वो तो नहीं कही
ये वो तो नहीं कही ये वो तो नहीं

Trivia about the song Jatin Lalit Speaks And Zara Si Aahat by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Jatin Lalit Speaks And Zara Si Aahat” by Lata Mangeshkar?
The song “Jatin Lalit Speaks And Zara Si Aahat” by Lata Mangeshkar was composed by Kaifi Azmi.

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