Kab Tak Huzoor Roothe Rahoge

Chitragupta, Majrooh Sultanpuri

कब तक हुज़ूर रूठे रहोगे
लेके गुस्से में प्यार
बलम जी अब्ब तो हस्सो
कब तक हुज़ूर रूठे रहोगे
लेके गुस्से में प्यार
बलम जी अब्ब तो हस्सो

तुमने सजा दी यह किस खता की
कुछ तो में भी सुनु
तुमने सजा दी यह किस खता की
कुछ तो में भी सुनु
सर झुकाए में कड़ी हूँ
कर भी लो नैना चार
बलम जी अब्ब तो हस्सो
कब तक हुज़ूर रूठे रहोगे
लेके गुस्से में प्यार
बलम जी अब्ब तो हस्सो

खुद पिता देखो तुम हाल मेरे
तुमसे मैं क्या कहूँ
खुद पिता देखो तुम हाल मेरे
तुमसे मैं क्या कहूँ
इतना रोइ मुख पे आई
बेह के कजरे की धार
बलम जी अब्ब तो हॉसो
कब तक हुज़ूर रूठे रहोगे
लेके गुस्से में प्यार
बलम जी अब्ब तो हस्सो

तड़प तड़प के कितना पुकारू
कितने आहे बाहृण
तड़प तड़प के कितना पुकारू
कितने आहे बाहृण
पैर न बोले तुम बेदर्दी
तुमपे उल्फत की मार
बलम जी अब्ब तो हसो
कब तक हुज़ूर रूठे रहोगे
लेके गुस्से में प्यार
बलम जी अब्ब तो हस्सो

Trivia about the song Kab Tak Huzoor Roothe Rahoge by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Kab Tak Huzoor Roothe Rahoge” by Lata Mangeshkar?
The song “Kab Tak Huzoor Roothe Rahoge” by Lata Mangeshkar was composed by Chitragupta, Majrooh Sultanpuri.

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