Kabhi To Milegi Kahin To Milegi

Majrooh Sultanpuri, Roshan

कभी तो मिलेगी
कहीं तो मिलेगी
बहारों की मंज़िल राही
बहारों की मंज़िल राही
कभी तो मिलेगी
कहीं तो मिलेगी
बहारों की मंज़िल राही
बहारों की मंज़िल राही

लम्बी सही दर्द की राहें
दिल की लगन से काम ले
आँखों के इस तूफ़ाँ को पी जा
आहों के बादल थाम ले
दूर तो है पर, दूर नहीं है
दूर तो है पर, दूर नहीं है
नज़ारों की मंज़िल राहि
बहारों की मंज़िल राही
आ हा हा हा, ल ला, ला ल ल, अह हा हा
माना कि है गहरा अन्धेरा
गुम है डगर की चाँदनी
मैली न हो धुँधली पड़े ना
देख नज़र की चाँदनी
डाले हुए है, रात की चादर
डाले हुए है, रात की चादर
सितारों की मंज़िल राही
बहारों की मंज़िल राही

Trivia about the song Kabhi To Milegi Kahin To Milegi by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Kabhi To Milegi Kahin To Milegi” by Lata Mangeshkar?
The song “Kabhi To Milegi Kahin To Milegi” by Lata Mangeshkar was composed by Majrooh Sultanpuri, Roshan.

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