Kahan Ho Tum

Sahir Ludhianvi

कहाँ हो तुम मेरी तन्हाईया
आवाज देती है
सुलगती रात भी परछाईया
आवाज देती है
मेरी उम्र से लम्बी हो गयी
बैरन रात जुदाई की
हो बैरन रात जुदाई की

धूल की चादर ओढ़ के सर पर
सो गए चाँद सितारे
बिरह की अग्नि ऐसी बकी
जल गए भाग हमारे
नागन बन बन कर डस्ति है
ये घड़िया तन्हाई की
हों ये घड़िया तन्हाई की
मेरी उम्र से लम्बी हो गयी
बैरन रात जुदाई की

अंधीयारे में भटक रहे है
नैना खोए खोए
भोर भए तक ओ बेदर्दी
क्या जाने क्या होये
रख पाए तो रख दे आँचल
लाज मेरी रूस्वाइ की
ओ लाज मेरी रूस्वाइ की
मेरी उम्र से लम्बी हो गयी
बैरन रात जुदाई की
ओ बैरन रात जुदाई की

Trivia about the song Kahan Ho Tum by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Kahan Ho Tum” by Lata Mangeshkar?
The song “Kahan Ho Tum” by Lata Mangeshkar was composed by Sahir Ludhianvi.

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