Kahan Tak Ham Uthaye Gham
कहाँ तक हम उठाएँ गम जिएं अब या के मर जाए
कहाँ तक हम उठाएँ गम जिएं अब या के मर जाए
अरे ज़ालिम मुक़द्दर ये बता दे हम किधर जाए
अरे ज़ालिम मुक़द्दर ये बता दे हम किधर जाए
हम उनका नाम लेकर काट देंगे ज़िंदगी अपनी
हम उनका नाम लेकर काट देंगे ज़िंदगी अपनी
ना वो आए मगर मिलने का कर वादा तो कर जाए
ना वो आए मगर मिलने का कर वादा तो कर जाए
पापीहे से कहा गाए ना वो नगमे बहारों के
पापीहे से कहा गाए ना वो नगमे बहारों के
कहो गुलशन उजाड़ जाए कहो कलियाँ बिखर जाएँ
कहो गुलशन उजाड़ जाए कहो कलियाँ बिखर जाएँ
कहाँ तक हम उठाएँ गम जिएं अब या के मर जाए