Kahe Jiya Umang

Kaif Irfani

कहे जिया की उमंग
छ्चाए नये नये रंग
के सावन आ गया आ
सावन आ गया आ
कहे जिया की उमंग
छ्चाए नये नये रंग
के सावन आ गया आ
सावन आ गया आ
कहे जिया की उमंग

देखी शीशे में परच्छाई
मैं झूमि लहराई
देखी शीशे में परच्छाई
मैं झूमि लहराई
मैं हँसी मुस्काई
मैं हँसी मुस्काई
मैं सहमी घबराई
मेरी लत्ट लहराई
तो बादल छह गया
बादल छह गया
कहे जिया की उमंग

मेरे सपनों के छम
कहे जाग उतहे हम
मेरे सपनों के छम
कहे जाग उतहे हम
नाचून गओन हरदम
नाचून गओन हरदम
बोले ज़िंदगी का साज़
कोई नया नया राग
जिया पा गया आ
जिया पा गया आ
कहे जिया की उमंग

कोई मीठी मीठी आग
उतही जिया में जो जाग
कोई मीठी मीठी आग
उठी जिया में जो जाग
गाउ नये नये राग
गाउ नये नये राग
मैं तो जौन डोल डोल
कोई प्यारा प्यारा बोल
ज़ुबान पे आ गया आ
ज़ुबान पे आ गया आ
कहे जिया की उमंग
छ्चाए नये नये रंग
के सावन आ गया आ
सावन आ गया आ
कहे जिया की उमंग

Trivia about the song Kahe Jiya Umang by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Kahe Jiya Umang” by Lata Mangeshkar?
The song “Kahe Jiya Umang” by Lata Mangeshkar was composed by Kaif Irfani.

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