Kahin Kahin Se Har Chehra

NIDA FAZLI, AADESH SHRIVASTAVA

कहीं कहीं से हर चेहरा
कहीं कहीं से हर चेहरा
तुम जैसा लगता है
तुमको भूल ना पाएँगे हम
ऐसा लगता है, ऐसा लगता है

ऐसा भी इक रंग है एमेम एमेम हो ओ ओ ओ
ऐसा भी इक रंग है, जो करता है बातें भी
जो भी इसको पहन ले वो अपना सा लगता है
तुमको भूल ना पाएँगे
हम ऐसा लगता है
कहीं कहीं से हर चेहरा
तुम जैसा लगता है
तुमको भूल ना पाएँगे हम
ऐसा लगता है, ऐसा लगता है

और तो सब कुच्छ ठीक है लेकिन
और तो सब कुच्छ ठीक है लेकिन
कभी कभी यूउन ही चलता फिरता शहर
अचानक अचानक तनहा लगता है
तुमको भूल ना पाएँगे
हम ऐसा लगता है
कहीं कहीं से हर चेहरा
तुम जैसा लगता है
तुमको भूल ना पाएँगे हम
ऐसा लगता है, ऐसा लगता है

एब्ब भी यूउन मिलते है हमसे फूल चमेली के
जैसे इनसे अपना कोई
जैसे इनसे अपना कोई, रिश्ता लगता है
तुमको भूल ना पाएँगे
हम ऐसा लगता है
कहीं कहीं से हर चेहरा
तुम जैसा लगता है
तुमको भूल ना पाएँगे
हम ऐसा लगता है, ऐसा लगता है

Trivia about the song Kahin Kahin Se Har Chehra by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Kahin Kahin Se Har Chehra” by Lata Mangeshkar?
The song “Kahin Kahin Se Har Chehra” by Lata Mangeshkar was composed by NIDA FAZLI, AADESH SHRIVASTAVA.

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