Kya Bura Hai Kiya Bhala
क्या बुरा है क्या भला
हो सके तो जला दिल जला
क्या बुरा है क्या भला
हो सके तो जला दिल जला
क्या बुरा है क्या भला
क्या बुरा है क्या भला
हो सके तो जला दिल जला
क्या बुरा है क्या भला
मुस्कुराना सहते जाना चाहने की रस्म है
मुस्कुराना सहते जाना चाहने की रस्म है
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है
मुस्कुरके ज़ख्म खा ले
ना शिकायत कोई ना गीला
क्या बुरा है क्या भला
हो सके तो जला दिल जला
क्या बुरा है क्या भला
आ हा
सारा दिन ग़ज़ले पिरोना
रात भर आवारगी
सारा दिन ग़ज़ले पिरोना
रात भर आवारगी
फट गया दामन तो क्या है
सादा दिल है सादगी
ना दिलासा चाहा दिल ने
ना वफ़ादारी का सिलसिला
क्या बुरा है क्या भला
हो सके तो जला दिल जला
क्या बुरा है क्या भला