Kya Raat Suhani Hain

SHYAMSUNDER, SAHIR LUDHIANVI

क्या रात सुहानी है, क्या रात सुहानी है
आज ज़माने की हर शै पे जवानी है
अनमोल निशानी है, अनमोल निशानी है
तू मेरी उलफत के कवाबों की जवानी है
कुच्छ कह दो निगाहों में, कुच्छ कह दो निगाहों में
आज सिमट आओ तरसी हुई बाहों में
कुच्छ कह दो निगाहों में
हसरत है निगाहों में, हसरत है निगाहों में

हसरत है निगाहों में, हसरत है निगाहों में
डोर कहीं चल दूं च्छूप कर तेरी बाहों में
तक़दीर संभाल जाए, तक़दीर संभाल जाए
गर मेरे सिने पर ये ज़ुलफ मचल जाए
ये रात ना ढाल जाए, ये रात ना ढाल जाए
सुबह के तारे की नियत ना बदल जाए
क्या रात सुहानी है, क्या रात सुहानी है
आज ज़माने की हर शै पे जवानी है
क्या रात सुहानी है

Trivia about the song Kya Raat Suhani Hain by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Kya Raat Suhani Hain” by Lata Mangeshkar?
The song “Kya Raat Suhani Hain” by Lata Mangeshkar was composed by SHYAMSUNDER, SAHIR LUDHIANVI.

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