Layi Kahan Hai Zindagi
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
है सामने मज़िल मेरी
फिर भी मज़िल तक मैं जा ना सकूँ
सपनो की दुनिया पा ना सकूँ
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
है सामने मज़िल मेरी
फिर भी मज़िल तक मैं जा ना सकूँ
सपनो की दुनिया पा ना सकूँ
लाई कहाँ आई ज़िंदगी
घर से चली थी अपनी ही धुन में
मैं क्या क्या अरमान लिए
पहुँची यहाँ तो चुपके खड़ी हूँ
दिल थामे, आँसू पिए
निकली ना दिल की आवाज़ भी
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
है सामने मज़िल मेरी
फिर भी मज़िल तक मैं जा ना सकूँ
सपनो की दुनिया पा ना सकूँ
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
आ आ आ आ आ
मेरा तो जीवन है गीत मेरे
चुप कैसे रह जवँगी, ओ
होठों पे चाहे हो खून दिल का
फिर भी मैं तो गाऊँगी
दीवानी मैं संगीत की
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
है सामने मज़िल मेरी
फिर भी मज़िल तक मैं जा ना सकूँ
सपनो की दुनिया पा ना सकूँ
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
है सामने मज़िल मेरी
फिर भी मज़िल तक मैं जा ना सकूँ
सपनो की दुनिया पा ना सकूँ
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
जख्मी कदम हे घायल हे राही
किस्मत की जंजीर से
हारी नहीं जो दुनिया के गम से
वो हारी तकदीर से
मजबूर कितनी हे जिंदगी
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
है सामने मज़िल मेरी
फिर भी मज़िल तक मैं जा ना सकूँ
सपनो की दुनिया पा ना सकूँ
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
लाई कहाँ ए ज़िंदगी
लाई कहाँ ए ज़िंदगी