Man Re Na Gham Kar

SHAILENDRA, Salil Chowdhury

ओ मन रे ना गम करिये आँसू बनेगें सितारे
जुदाई में दिल के सहारे
बिछड़के भी हमसे जहाँ भी रहें वो रहेंगे हमारे
ओ मन रे ना गम करिये आँसू बनेगें सितारे
जुदाई में दिल के सहारे

ओ ओ जिधर से वो जाये आकाश पैरों में कलियाँ बिछा दे
जहाँ रात हो कोई चुपके से राहों पे दीपक जला दे
जो राहों भुले तो मंजिल उनको पुकारे
ओ मन रे ना गम करिये आँसू बनेंगे
सितारे जुदाई में दिल के सहारे

घिरा है अँधेरा तो जगमग सून्हेला सवेरा भी होगा
दहकते चमन में महकते बहारों का सवेरा भी होगा
जो लौटी है साँस तो लौटेंगे दिन भी हमारे
ओ मन रे ना गम करिये आँसू बनेगें सितारे
जुदाई में दिल के सहारे

Trivia about the song Man Re Na Gham Kar by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Man Re Na Gham Kar” by Lata Mangeshkar?
The song “Man Re Na Gham Kar” by Lata Mangeshkar was composed by SHAILENDRA, Salil Chowdhury.

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