Mehboob Mere Mehboob Mere

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे
मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीन हैं
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं

मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे
मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीन हैं
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं
मेहबूब मेरे

तू हो तो बढ़ जाती हैं कीमत मौसम की
तू हो तो बढ़ जाती हैं कीमत मौसम की
ये जो तेरी आँखे हैं शोला शबनम की
यहीं मरना भी हैं मुझको
मुझे जीना भी यहीं हैं
मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे
मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीन हैं

जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं
मेहबूब मेरे

अरमाँ किसको जन्नत की रंगीन गलियों का
अरमाँ किसको जन्नत की रंगीन गलियों का
मुझको तेरा दामन हैं बिस्तर कलियों का
जहां पर हैं तेरी बाहें
मेरी जन्नत भी वही हैं
मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे
मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीन हैं

जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं
मेहबूब मेरे

रख दे मुझको तू अपना दीवाना कर के
रख दे मुझको तू अपना दीवाना कर के

नज़दीक आ जा फिर देखूं तुझको जी भर के
मेरे जैसे होंगे लाखो कोई भी तुझसा नहीं हैं
मेहबूब मेरे

हो मेहबूब मेरे

मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे (मेहबूब मेरे मेहबूब मेरे)
तू है तो दुनिया कितनी हसीन हैं (तू है तो दुनिया कितनी हसीन हैं)
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं (जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं)
मेहबूब मेरे (मेहबूब मेरे)

Trivia about the song Mehboob Mere Mehboob Mere by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Mehboob Mere Mehboob Mere” by Lata Mangeshkar?
The song “Mehboob Mere Mehboob Mere” by Lata Mangeshkar was composed by LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI.

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