Mere Sanam Sun Mera Gham [2]
मेरे सनम, सुन मेरा गम
उलझने ज़िंदगी बन गयी
तू कही मैं कही
मेरे सनम
जल रहा है दिल मेरा
मैं चुप रहु तो कैसे
घुट रहा है दम मेरा
मै कुछ कहु तो कैसे
गम से हदे खुशी की जा मिली
उलझने ज़िंदगी बन गयी
तू कही मै कही
मेरे सनम
कितने दिन गुजर गये
किस्मत को सोते सोते
कितनी उम्र कट गयी
दिन रात रोते रोते
फिर भी तो बदनसीबी कम नही
उलझने ज़िंदगी बन गयी
तू कही मै कही
मेरे सनम, सुन मेरा गम
उलझने ज़िंदगी बन गयी
तू कही मै कही
मेरे सनम
मेरे सनम