Mohabbat Ko Na Bhulenge

Shyam HIndi

मोहब्बत को ना भूलेंगे लबो पर बन जहा तक है
जमाने चल ज़रा तुझको भी देखे तू कहा तक है
जुर्म दुनिया के सहे ओर चुप रहे
जुर्म दुनिया के सहे ओर चुप रहे
अपनी किस्मत मे यही है क्या करे
अपनी किस्मत मे यही है क्या करे
है गुम के मारे
जुर्म दुनिया के सहे ओर चुप रहे
अपनी किस्मत मे यही है क्या करे
है गुम के मारे

रोक लो आसू ना बहने दो इन्हे
दिल मे रहने दो इन्हे
रोक लो आसू ना बहने दो इन्हे
दिल मे रहने दो इन्हे कुछ असर जिनमे ना होगा
हम वही कुछ असर जिनमे ना होगा
हम वही है गुम के मारे

दूर आँखो से मेरे दिलदार है धड़कने बेजार है
दूर आँखो से मेरे दिलदार है धड़कने बेजार है
जिंदगी क्या बन गयी है क्या कहे
जिंदगी क्या बन गयी है क्या कहे
है गुम के मारे जुर्म दुनिया के सहे ओर चुप रहे
अपनी किस्मत मे यही है
क्या करे है गुम के मारे

Trivia about the song Mohabbat Ko Na Bhulenge by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Mohabbat Ko Na Bhulenge” by Lata Mangeshkar?
The song “Mohabbat Ko Na Bhulenge” by Lata Mangeshkar was composed by Shyam HIndi.

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