More Bichhade Saathi

Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan

मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा

कल जो लगी थी तेरे गले से
आज वो बिरहन पथ में पड़ी है
पांवों के नीचे जलती है धरती
सर पे विरह की धूप खड़ी है
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा

दीपक से लौ दूर हो जैसे
जैसे किरण सूरज से परायी
देखे न होंगी जग ने सावरिया
ऐसी मिले है मुझको जुदाई
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा

प्यार सहारा था जीवन का
प्यार ही मुझको रास न आया
अब है भटकना गलियों गलियों
साथ लिए अपनी ही छाया
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा
मेरे गीत है तेरे लिए
मेरे बिछड़े साथी सुनता जा

Trivia about the song More Bichhade Saathi by Lata Mangeshkar

Who composed the song “More Bichhade Saathi” by Lata Mangeshkar?
The song “More Bichhade Saathi” by Lata Mangeshkar was composed by Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan.

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