Na Ro Ae Mere Dil

Indeewar, Kishore Kumar

न रो ऐ मेरे दिल यहाँ
तेरा नहीं ये जहां
फुरसत किसे है समझे जो कोई
तेरे आसुओं की जुबां
न रो ऐ मेरे दिल यहाँ
तेरा नहीं ये जहां
फुरसत किसे है समझे जो कोई
तेरे आसुओं की जुबां
न रो ऐ मेरे दिल यहाँ

दीवानी दुनिया रिश्ते दिलों के दौलत से क्यों जोड़ती है
दीवानी दुनिया रिश्ते दिलों के दौलत से क्यों जोड़ती है
समाजों के झूठें रिवाजों के ख़ातिर अपनों के दिल तोड़ती है
कोई नहीं साथ देगा सब तो है परछाईयाँ
आ आ आ कोई नहीं साथ देगा सब तो है परछाईयाँ
ऐसा अगर है जहां
तो जीने के काबिल कहाँ
फुरसत किसे है समझे जो कोई
तेरे आसुओं की जुबां
न रो ऐ मेरे दिल यहाँ

ऐसे जहां में रहे कोई कैसे लगे प्यार पर जिसमें पहरे
ऐसे जहां में रहे कोई कैसे लगे प्यार पर जिसमें पहरे
गिला और से क्या लगाए है दिल पर अपनों ही ने घाव गहरे
खो जा अँधेरों में ऐसे जैसे गगन में धुआं
आ आ आ खो जा अँधेरों में ऐसे जैसे गगन में धुआं
ज़रुरत है तेरी किसे
मिटा दे तू अपना निशाँ
फुरसत किसे है समझे जो कोई
तेरे आसुओं की जुबां
न रो ऐ मेरे दिल यहाँ
तेरा नहीं ये जहां
फुरसत किसे है समझे जो कोई
तेरे आसुओं की जुबां
तेरे आसुओं की जुबां

Trivia about the song Na Ro Ae Mere Dil by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Na Ro Ae Mere Dil” by Lata Mangeshkar?
The song “Na Ro Ae Mere Dil” by Lata Mangeshkar was composed by Indeewar, Kishore Kumar.

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