Nahin Jahan Men Nadaan Koi

ANANDJI KALYANJI, Majrooh Sultanpuri

नहीं जहान में नादान कोई हम सा भी
नहीं जहान में नादान कोई हम सा भी
वफ़ा के नाम पे बेकार दिल दुखा बैठे

हमारे प्यार की मजबूरिया कोई देखे
हमारे प्यार की मजबूरिया कोई देखे
खुद अपने आपको हम बेवफा बना बैठे

हम अपने शौक की डाली सजा रहे थे अभी
हम अपने शौक की डाली सजा रहे थे अभी
हसींन ख्वाबो के तिनके बिछा रहे थे अभी
तन के शोले कुछ ऐसे जगाये दुनिया ने
भरी बहार में हम आशिया जला बैठे

वफ़ा के नाम पे बेकार
दिल दुखा बैठे

लगा है ज़ख़्म वो दिल
पर के भर सके न कभी
लगा है ज़ख़्म वो दिल
पर के भर सके न कभी
किया वो दोस्त ने दुश्मन
जो कर सके न कभी
किसी को क्यों कहे यारो
हम ही से भूल हुई
हसींन जान के पत्थर
से दिल लगा बैठे

Trivia about the song Nahin Jahan Men Nadaan Koi by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Nahin Jahan Men Nadaan Koi” by Lata Mangeshkar?
The song “Nahin Jahan Men Nadaan Koi” by Lata Mangeshkar was composed by ANANDJI KALYANJI, Majrooh Sultanpuri.

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