Nindiya Too Mat Sona

Jaidev, Parvez Salauddin

निंदिया ओरी निंदिया
जग को सुलाना सारे जग को सुलाना
तू मत सोना हा वरना
मेरा ये छोटा सा बचा जग जाएगा
जग को सुलाना सारे जग को सुलाना
जग को सुलाना सारे जग को सुलाना
निंदिया तू मत सोना
मत सोना तू मत सोना
जाग को सुलाना सारे जग को सुलाना
निंदिया तू मत सोना
मत सोना तू मत सोना

अपने रत पे बितके मुझे
फुलो मे सजाके मुझे
आँखो मे बसाके मुझे
होतो मे रचाके ले जाना
ओरी निंदिया तू मत सोना
तू मत सोना तू मत सोना
मत सोना तू मत सोना

माथे बिंदी सजाई सजाई
थोड़ी मिस्सी लगायी लगायी
माथे बिंदी सजाई थोड़ी
मिस्सी लगायी थोड़ी थोड़ी
कजरे में डूबी थोड़ी
गजरे में महकी
लायी होटों में भरके सारे
बोसोन का प्यारा खज़ाना रे निंदिया
तू मत सोना तू मत सोना
मत सोना तू मत सोना

बंद गलिया हुई है सब
सहेलिया हुई है
बंद पलकों के घर मे
रंग रलिया हुई है
बंद गलिया हुई है सब
सहेलिया हुई है
बंद पलकों के घर मे
रंग रलिया हुई है
बंद ऐसे मे कर दे दोनो
आँखों का हसना हसाना रे निंदिया
तू मत सोना
जग को सुलाना सारे
जग को सुलाना
निंदिया ओरी निंदिया
तू मत सोना तू मत सोना
तू मत सोना तू मत सोना

Trivia about the song Nindiya Too Mat Sona by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Nindiya Too Mat Sona” by Lata Mangeshkar?
The song “Nindiya Too Mat Sona” by Lata Mangeshkar was composed by Jaidev, Parvez Salauddin.

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