Paani Ki Boond Aisi
पानी की बूँद ऐसी ऐसी च्छुई हुई हुई
जैसे चुभ गयी सुई मैं जवान हुई हुई मैं जवान हुई
पानी की बूँद ऐसी ऐसी च्छुई हुई हुई
जैसे चुभ गयी सुई मैं जवान हुई मैं मैं जवान हुई
ठंडे ठंडे पानी मे जले मेरा तन
तड़प रहा लहरो के तले मेरा तन
कोई मोहे देखो रे मैं क्या गयी बन
ठंडे ठंडे पानी मे जले मेरा तन
मेरी जान गयी दैया जान गयी
हाए हाए जान गयी मैं जवान हुई मैं मैं जवान हुई
मैं तो यही समझी थी पवन है अंजान
जगा रही धड़कन मे मिलन के अरमान
उठा रही नस नस मे अजब से तूफान
मैं तो यही समझी थी पवन है अंजान
वो पहचान गयी लो पहचान गयी
हो पहचान गयी मैं जवान हुई मैं मैं जवान हुई
लेहर अभी चंचल ना पकड़ मेरा हाथ
मचल नही पागल मैं समझ गयी बात
यही लागे ऐसे मे होता कोई साथ
लेहर अभी चंचल ना पकड़ मेरा हाथ
जा रे मान गयी दैया मान गयी
हाए हाए मान गयी मैं जवान हुई
पानी की बूँद ऐसी ऐसी च्छुई हुई हुई
जैसे चुभ गयी सुई मैं जवान हुई मैं मैं जवान हुई