Patli Kumar Hai

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

पतली कमर है तिरछी नज़र है
पतली कमर है तिरछी नज़र है
खिले फूल सी तेरी जवानी
कोई बताये कहाँ क़सर है
पतली कमर है तिरछी नज़र है

आ आजा मेरे मन चाहे बालम
आजा तेरा आँखों में घर है
आजा तेरा आँखों में घर है

होय

मैं चंचल मदमस्त पवन हूँ
मैं चंचल मदमस्त पवन हूँ
झूम झूम हर कली को चुमूँ
झूम झूम हर कली को चुमूँ

बिछड़ गयी बिछड़ गयी मैं घायल हिरनी
तुमको ढूँढूँ बन बन घूमूँ

मेरी ज़िंदगी मस्त सफ़र है
मेरी ज़िंदगी मस्त सफ़र है
पतली कमर है तिरछी नज़र है

आ आजा मेरे मन चाहे बालम
आजा तेरा आँखों में घर है
आजा तेरा आँखों में घर है

तुम बिन नैनों की बरसातें
रोक न पाऊँ लाख मनाऊँ
तुम बिन नैनों की बरसातें
रोक न पाऊँ लाख मनाऊँ

मैं बहते दरिया का पानी
मैं बहते दरिया का पानी
खेल किनारों से बढ़ जाऊँ
खेल किनारों से बढ़ जाऊँ
बँध न पाऊँ
नया नगर नित नयी डगर है
पतली कमर है तिरछी नज़र है

आ आजा मेरे मन चाहे बालम
आजा तेरा आँखों में घर है
आजा तेरा आँखों में घर है

होय
पतली कमर है तिरछी नज़र है
पतली कमर है तिरछी नज़र है
पतली

Trivia about the song Patli Kumar Hai by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Patli Kumar Hai” by Lata Mangeshkar?
The song “Patli Kumar Hai” by Lata Mangeshkar was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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