Pehle Sau Bar

Majrooh Sultanpuri

आ आ आ आ

पहले सौ बार इधर और उधर देखा है
पहले सौ बार इधर और उधर देखा है
तब कहीं डर के तुम्हे
तब कहीं डर के तुम्हे एक नज़र देखा है
पहले सौ बार इधर और उधर देखा है
तब कहीं डर के तुम्हे एक नज़र देखा है
पहले सौ बार इधर

हम पे हँसती है जो दुनिया उसे देखा ही नही
हम पे हँसती है जो दुनिया उसे देखा ही नही
हम ने उस शाख को
हम ने उस शाख को ए दीदा-ए-तर देखा है
पहले सौ बार इधर और उधर देखा है
पहले सौ बार इधर

आज इस एक नज़र पर मुझे मर जाने दो
आज इस एक नज़र पर मुझे मर जाने दो
उस ने लोगो
हो उस ने लोगो बड़ी मुश्किल से इधर देखा है
पहले सौ बार इधर और उधर देखा है
पहले सौ बार इधर

क्या ग़लत है जो मै दीवाना हुवा, सच कहना
क्या ग़लत है जो मै दीवाना हुवा, सच कहना
हा हा हा मेरे महबूब को
मेरे महबूब को तुम ने भी अगर देखा है
पहले सौ बार इधर और उधर देखा है
तब कहीं डर के तुम्हे एक नज़र देखा है
पहले सौ बार इधर

बोहोत ही अच्छा गाला पाया है आपने
शुक्रिया
हा इतनी सुरीली आवाज़ पहले मैंने कभी नहीं सुनी
आप तो एक तरफ़ा बात कर रहे है
आवाज़ से ज्यादा ग़ज़ल में रस है
हं हं नहीं ऐसा नहीं है
आवाज़ के मुकाबले ग़ज़ल फीकी पड़ गयी है
आवाज़ अच्छी है या बुरी इसका फैसला तुम सुनकर कर सकते है
लेकिन किसीका कलाम अच्छा है या बुरा ये समझने के लिए
दिमाग चाहिए ना
जी नहीं दिल हं हं

Trivia about the song Pehle Sau Bar by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Pehle Sau Bar” by Lata Mangeshkar?
The song “Pehle Sau Bar” by Lata Mangeshkar was composed by Majrooh Sultanpuri.

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