Phir Chher Ne Aai Hai

Deena Nath Madhok

फिर छेड़ने आई है
वो काली बदरिया
फिर छेड़ने आई है
वो काली बदरिया
अब तुम ही कहो हाँ
अब तुम ही कहो कैसे
मैं संभलूं सांवरिया
फिर छेड़ने आई है
वो काली बदरिया
फिर छेड़ने आई है

दामन में बदरिया के
हैं सावन की घटाएं
दामन में बदरिया के
हैं सावन की घटाएं
खामोश ज़बानी में
जो ये तुझको सुनाए
खामोश ज़बानी में
जो ये तुझको सुनाए
ऐ रूठे हुए
ऐ रूठे हुए सब्र की
छलकी है गगरिया
फिर छेड़ने आई है
वो काली बदरिया
फिर छेड़ने आई है

इस रुत में जो रूठे
वो कभी चैन ना पाए
इस रुत में जो रूठे
वो कभी चैन ना पाए
सावन कभी जीवन में
फिर उसके ना आए
सावन कभी जीवन में
फिर उसके ना आए लग जाए
उसे लग जाए उसे काली
हो हो लग जाए उसे काली
बदरिया की नजरिया
फिर छेड़ने आई है
वो काली बदरिया
फिर छेड़ने आई है

Trivia about the song Phir Chher Ne Aai Hai by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Phir Chher Ne Aai Hai” by Lata Mangeshkar?
The song “Phir Chher Ne Aai Hai” by Lata Mangeshkar was composed by Deena Nath Madhok.

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