Phir Mujhe Deeda-E-Tar Yaad Aaya

HRIDAYNATH MANGESHKAR, MIRZA GHALIB

आ आ आ आ आ आ आ आ
कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई सूरत नज़र नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई सूरत नज़र नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती

मौत का एक दिन मुअय्यन है
मौत का एक दिन
मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यों रात भर नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई सूरत नज़र नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती

आगे आती थी हाल ए दिल पे हंसी
आगे आती थी हाल ए दिल पे हंसी
अब किसी बात पर नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई सूरत नज़र नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती

हम वहाँ हैं जहाँ से हम को भी
हम वहाँ हैं जहाँ से
हम वहाँ हैं जहाँ से हम को भी
कुछ हमारी खबर नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई सूरत नज़र नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती

मरते हैं आरज़ू में मरने की
मरते हैं आरज़ू में मरने की
मौत आती है पर नहीं आती है
कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई सूरत नज़र नहीं आती
कोई उम्मीद बर नहीं आती

Trivia about the song Phir Mujhe Deeda-E-Tar Yaad Aaya by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Phir Mujhe Deeda-E-Tar Yaad Aaya” by Lata Mangeshkar?
The song “Phir Mujhe Deeda-E-Tar Yaad Aaya” by Lata Mangeshkar was composed by HRIDAYNATH MANGESHKAR, MIRZA GHALIB.

Most popular songs of Lata Mangeshkar

Other artists of Film score