Radha Nachegi
गोपी जन रस रास अभिलाषी
कौरव कालिंग कंस विनासि
हिमकर बाणुक सां प्रकासी
सर्व भुत ही वस् वैयाखि
बोलो जय कन्हैया की
नटखट बंसी वाले गोकुल के राजा
मेरी अँखियाँ तरस गयी
अब तो आजा
आजा.. आजा
नटखट बंसी वाले गोकुल के राजा
मेरी अँखियाँ तरस गयी
अब तो आजा
आजा.. आजा.. आजा
आ.. आ
जमुना के तट पर
जब नटखट बंसीवाले की
बंसी बाजेगी राधा नाचेगी
बंसी बाजेगी राधा नाचेगी
बंसी, बाजेगी, राधा नाचेगी
बंसी, बाजेगी, राधा नाचेगी
बंसी बाजेगी राधा नाचेगी
बंसी बाजेगी राधा नाचेगी
सुनकर, सुनकर डफ़ली
शंख मँजीरे भोर भये
भोर भये नदिया के तीरे
सुनकर सुनकर डफ़ली शंख मँजीरे
भोर भये नदिया के तीरे
नींदिया जागेगी, राधा नाचेगी
नींदिया जागेगी, राधा नाचेगी
बंसी, बाजेगी, राधा नाचेगी
बंसी बाजेगी राधा नाचेगी
लाज शरम रस्ता ना रोके
आज ना कोई इसको टोके
लाज शरम रस्ता ना रोके
आज ना कोई इसको टोके
आज न मानेगी राधा नाचेगी
आज न मानेगी राधा नाचेगी
नटखट बंसी वाले गोकुल के राजा
मेरी अँखियाँ तरस गयी
अब तो आजा
आजा.. आजा
आजा.. आजा.. आभीजा
नटखट बंसी वाले गोकुल के राजा
मेरी अँखियाँ तरस गयी
अब तो आजा
आजा आजा आभीजा
आजा आजा आभीजा
आ.. आ