Rimjhim Gire Sawan [Female]

YOGESH, RAHUL DEV BURMAN

रिम झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
ला ला ला ला

पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल
पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल
ला ला ला ला
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल
पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
ला ला ला ला

इस बार सावन दहका हुआ है
इस बार मौसम बहका हुआ है
ला ला ला ला
इस बार सावन दहका हुआ है
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पीके चली क्या पवन सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम झिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन
ला ला ला ला ह्म ह्म ह्म

Trivia about the song Rimjhim Gire Sawan [Female] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Rimjhim Gire Sawan [Female]” by Lata Mangeshkar?
The song “Rimjhim Gire Sawan [Female]” by Lata Mangeshkar was composed by YOGESH, RAHUL DEV BURMAN.

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