Ruk Ja Sathi

Indeewar, Kamal Joshi, Usha Khanna

रुक जा साथी रुक जा साथी
रुक जा साथी चला है अकेला कहा
मिलेगी न मंज़िल कोई यु अकेले
रुक जा साथी हो रुक जा साथी

तार से तार मिले नहीं
जब तक क्या निकले संसार
तार से तार मिले नहीं
जब तक क्या निकले संसार
तनहा तनहा जिया न जाए
कहते है जिसको प्यार
रुक जा साथी चला है अकेला कहा
मिलेगी न मंज़िल कोई यु अकेले
रुक जा साथी हो रुक जा साथी

लहार मिले तो धरा बन जाये
धरा मिले तो संगम
लहार मिले तो धरा बन जाये
धरा मिले तो संगम
तू और मै क्या फरक
रहे गा आ मिल जाये हम
रुक जा साथी चला है अकेला कहा
मिलेगी न मंज़िल कोई यु अकेले
रुक जा साथी हो रुक जा साथी

सहर के बाद शाम आती है
शाम सहेर के बाद
सहर के बाद शाम आती है
शाम सहेर के बाद
शाम शहर हर एक पहर
आती है मुझे तेरी याद
रुक जा साथी चला है अकेला कहा
मिलेगी न मंज़िल कोई यु अकेले
रुक जा साथी रुक जा साथी

Trivia about the song Ruk Ja Sathi by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Ruk Ja Sathi” by Lata Mangeshkar?
The song “Ruk Ja Sathi” by Lata Mangeshkar was composed by Indeewar, Kamal Joshi, Usha Khanna.

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