Rulakar Chhal Diya

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

जानू केसे लोग थे जिनके
प्यार को प्यार मिला
हम ने तो जब कलियाँ मांगी
काँटों का हार मिला

कहता है कों ना लाए बुलबुल को बेअसर
पर्दे मे गुल की लाख जिगर की चाह को गये

आ आ आ आ आ आ आ
हम्म हम्म हम्म हम्म
रुला कर चल दिए इक दिन
हंसी बन कर जो आये थे
रुला कर चल दिए इक दिन
हंसी बन कर जो आये थे
चमन रो रो के कहता है
चमन रो रो के कहता है
कभी गुल मुस्कुराये थे
रुला कर चल दिए इक दिन
हंसी बन कर जो आये थे

अगर दिल के ज़ुबां होती
ये ग़म कुछ कम तो हो जाता
ये ग़म कुछ कम तो हो जाता
अगर दिल के ज़ुबां होती
ये ग़म कुछ कम तो हो जाता
ये ग़म कुछ कम तो हो जाता
उधर वो चुप इधर सीने
में हम तूफान छुपाए थे
चमन रो रो के कहता है
चमन रो रो के कहता है
कभी गुल मुस्कुराये थे
रुला कर चल दिए इक दिन
हंसी बन कर जो आये थे

ये अच्छा था न हम कहते
किसी से दास्ताँ अपनी
किसी से दास्ताँ अपनी
ये अच्छा था न हम कहते
किसी से दास्ताँ अपनी
किसी से दास्ताँ अपनी
समझ पाए न जब अपने
पराये तो पराये थे
चमन रो रो के कहता है
चमन रो रो के कहता है
कभी गुल मुस्कुराये थे
रुला कर चल दिए इक दिन
हंसी बन कर जो आये थे

Trivia about the song Rulakar Chhal Diya by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Rulakar Chhal Diya” by Lata Mangeshkar?
The song “Rulakar Chhal Diya” by Lata Mangeshkar was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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