Sakhi Kaise Dharun Main Dheer

SHAILENDRA, S N tripathi

सखी कैसे धरूण मैं धीर
हाय रे मेरे अब लो शाम ना आए
री बहे नैनों से निस दिन नीर
हाय रे मेरे अब लो शाम ना आए
री सखी कैसे धरूण मैं धीर

घिर घिर शाम घटा लहराए
बेदर्दी की याद दिलाए
उन बिन मुरली कौन सुनाए
उन बिन मुरली कौन सुनाए
री तारी रोऊँ मैं जमुना के तीर
हाय रे मेरे अब लो शाम ना आए
री सखी कैसे धरूण मैं धीर
जी ना करे, जोगन बन जौन
जैसे बने उन्हें ढूँढ के लओन
वो ना मिले तो बिराज में ना अओन
कहीं रास्ते में ताज दूं शरीर
हाय रे मेरे अब लो शाम ना आए
री बहे नैनों से निस दिन नीर
हाय रे मेरे अब लो शाम ना आए
री सखी कैसे धरूण मैं धीर

Trivia about the song Sakhi Kaise Dharun Main Dheer by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Sakhi Kaise Dharun Main Dheer” by Lata Mangeshkar?
The song “Sakhi Kaise Dharun Main Dheer” by Lata Mangeshkar was composed by SHAILENDRA, S N tripathi.

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