Sansar Se Bhage Phirte Ho

Roshan, Sahir Ludhianvi

संसार से भागे फिरते हो
भगवान को तुम क्या पाओगे
इस लोग को भी अपना ना सके
उस लोक में भी पछताओगे
संसार से भागे फिरते हो

ये पाप है क्या ये पूण्य है क्या
रितो पर धर्म की मोहरे है
ये पाप है क्या ये पूण्य है क्या
रितो पर धर्म की मोहरे है
रितो पर धर्म की मोहरे है
हर युग में बदलते धर्मो को
कैसे आदर्श बनाओगे
संसार से भागे फिरते हो

ये भोग भी एक तपस्या है
तुम त्याग के मारे क्या जानो
ये भोग भी एक तपस्या है
तुम त्याग के मारे क्या जानो
तुम त्याग के मारे क्या जानो
अपमान रचेता का होगा
रचना को अगर ठुकराओगे
संसार से भागे फिरते हो

हम कहते है ये जग अपना है
तुम कहते हो झूठा सपना है
हम कहते है ये जग अपना है
तुम कहते हो झूठा सपना है
तुम कहते हो झूठा सपना है
हम जनम बिता कर जायेगे
तुम जनम गँवा कर जाओगे
संसार से भागे फिरते हो
भगवान को तुम क्या पाओगे
संसार से भागे फिरते हो

Trivia about the song Sansar Se Bhage Phirte Ho by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Sansar Se Bhage Phirte Ho” by Lata Mangeshkar?
The song “Sansar Se Bhage Phirte Ho” by Lata Mangeshkar was composed by Roshan, Sahir Ludhianvi.

Most popular songs of Lata Mangeshkar

Other artists of Film score