Sham Bhai Ghanshyam Na Aaye
शाम भाई घनश्याम ना आए
शाम भाई घनश्याम ना आए
सबके कम बनते फिरते
सबके कम बनते फिरते
मुझे दुखिया के कम ना आए
शाम भाई घनश्याम ना आए शाम भई
तर मिलन के तूत गए क्यों
तर मिलन के तूत गए क्यों
मुझसे मेरे रूठ गए क्यों
नगर नगर वो रहे घूमते
मेरे गोकुल गम ना आए
शाम भाई घनश्याम ना आए शाम भई
पथ हेयरत पथरा गई अंखिया
पथ हेयरत पथरा गई अंखिया
मुरझाई पालकों की सुखी पटिया
मैं बिरहान की सीता सी व्याकुल
जिसके राजा राम ना आए
शाम भाई घनश्याम ना आए
शाम भाई घनश्याम ना आए शाम भई