Shehnai Baje Na Baje
आ हु हु गगन पे दो तारे टकराके टकराके दोनो मुस्काये
आ हु हु
फिर तो चाँद से सुन ली उनकी बात जा बैठा बदल के साथ
आ हु हु
सुन बादल ने ली अंगड़ाई बूँद बूँद ने बात फैलाई
गगन की बात धरती पे आई काली ने सुंली सुनी सुनाई
कली ने फूल को भेद बताया फूल ने बुलबुल को समझाया
बुलबुल ने भावरा बुलवाया भावरा गुनगुन करता आया
मैने रोक के उसे सुनाया सुनाया सुनाया
बनके दुल्हनिया आज चली हूँ मैं साजन के द्वारे
शहनाई बजे ना बजे शहनाई बजे ना बजे
शहनाई बजे ना बजे
बनके दुल्हनिया आज चली हूँ मैं साजन के द्वारे
शहनाई बजे ना बजे शहनाई बजे ना बजे
ना कोई मुझको कजरा डाले ना कोई माँग सवारे
ना कोई मुझको कजरा डाले ना कोई माँग सवारे
ना चाहूं मैं बाजे गाजे ना मैं ढोल नगाड़े
ना कोई मेरी राहे रोके ना कोई मुझे पुकारे
बनके दुल्हनिया आज चली हूँ मैं साजन के द्वारे
शहनाई बजे ना बजे शहनाई बजे ना बजे
शहनाई बजे ना बजे
मुंडा माने ना माने घोड़ी भले ना सजे
मुंडा माने ना माने घोड़ी भले ना सजे
हो डॉली उठे ना उठे मेहंदी लगे ना लगे
ना मैं चाहू बिंदिया सिंड़िया ना मैं तारे सारे
कल तक थे जो गुस्से सुससे हो गये जान से प्यारे
बनके दुल्हनिया आज चली हूँ मैं साजन के द्वारे
शहनाई बजे ना बजे शहनाई बजे ना बजे
शहनाई बजे ना बजे
बनके दुल्हनिया आज चली हूँ मैं साजन के द्वारे
शहनाई बजे ना बजे शहनाई बजे ना बजे