Simti Hui Yeh Ghadiyan

Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi

सिमटी हुई ये घड़ियाँ
फिर से न बिखर जाएँ
फिर से न बिखर जाएँ
इस रात में जी ले हम
इस रात में मर जाएँ
इस रात में मर जाएँ
सिमटी हुई ये घड़ियाँ
अब सुबहा न आ पाये
आओ ये दुआ मांगे
अब सुबहा न आ पाये
आओ ये दुआ मांगे
इस रात के हर पल से
राते ही उभर जाएँ
राते ही उभर जाएँ
सिमटी हुई ये घड़ियाँ

दुनिया की निगाहें अब
हम तक न पहुँच पायें
दुनिया की निगाहें अब
हम तक न पहुँच पायें
तारो में बसे चलकर
धरती में उतर जाएँ
धरती में उतर जाएँ
सिमटी हुई ये घड़ियाँ

हालात के तिरो से
छलनी है बदन अपने
हालात के तिरो से
छलनी है बदन अपने
पास अओ के सिनो के
कुछ ज़ख्म तो भर जाएँ
कुछ ज़ख्म तो भर जाएँ
सिमटी हुई ये घड़ियाँ

आगे भी अन्धेरा है
पीछे भी अन्धेरा है
आगे भी अन्धेरा है
पीछे भी अन्धेरा है
अपनी है वही साँसे
जो साथ गुज़र जाएँ
जो साथ गुज़र जाएँ
सिमटी हुई ये घड़ियाँ

आ आ आ
हूँ हूँ हूँ
ये घड़ियाँ फिर से
हूँ हूँ हूँ
सिमटी हुई
हूँ हूँ हूँ
बिछड़ी हुई रूहों का
ये मेल सुहाना है
बिछड़ी हुई रूहों का
ये मेल सुहाना है
इस मेल का कुछ अहसान
जिसमे पे भी कर जाएँ
जिसमे पे भी कर जाएँ
सिमटी हुई ये घड़ियाँ

तराशे हुए जज़बों को
अब और न तरसाओ
तराशे हुए जज़बों को
अब और न तरसाओ
तुम शाने पे सर रख दो
हम बांहों में भर जाएँ
हम बांहों में भर जाएँ
सिमटी हुई ये घड़ियाँ

Trivia about the song Simti Hui Yeh Ghadiyan by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Simti Hui Yeh Ghadiyan” by Lata Mangeshkar?
The song “Simti Hui Yeh Ghadiyan” by Lata Mangeshkar was composed by Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi.

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