Sune Zamane Ke Tane

C Ramchandra, Noor Lucknowi

आ आ आ आ सुने ज़माने के ताने
हज़ारों ज़ुल्म सहे
न हाल कह सके अपना
तड़प तड़पते रहे
न सांस लेने की मोहलत
न सर उठानेकी
न सांस लेने की मोहलत
अजी न सार उठानेकी
मिटा के छोड़ेगी गर्दिश हमें ज़माने की
यूँ ही हुये बदनाम
सांवरिया तेरे लिए
यूँ ही हुये बदनाम
सांवरिया तेरे लिए
यूँ ही हुये बदनाम सांवरिया
यूँ ही हुये बदनाम सांवरिया तेरे लिए
यूँ ही हुये बदनाम सांवरिया तेरे लिए

उड़ा के ले गयी वह भी हवा ज़माने की
उड़ा के ले गयी वह भी हवा ज़माने की
ज़रा सी ख़ाक जो बाकी थी आशियाने की

आ आ आ आ हमारी लाश पे आना तो ढाँक लेना मुंह
गरज़ कुछ और नहीं रशम है ज़माने की
यूँ ही हुये बदनाम सांवरिया तेरे लिए
यूँ ही हुये बदनाम सांवरिया तेरे लिए
यूँ ही हुये बदनाम सँवरिया
यूँ ही हुये बदनाम
सांवरिया तेरे लिए
यूँ ही हुये बदनाम
सांवरिया तेरे लिए यूँ ही हुये बदनाम सांवरिया तेरे लिए

Trivia about the song Sune Zamane Ke Tane by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Sune Zamane Ke Tane” by Lata Mangeshkar?
The song “Sune Zamane Ke Tane” by Lata Mangeshkar was composed by C Ramchandra, Noor Lucknowi.

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