Tarse Jiya Barse Piya
कलियों का रूप मिला आ आ
मिट्टी सी तक़दीर
मेरे प्यार के सावन में बादरवा बिलनी
बादरवा बिलनी
तरसे जिया बरसे पिया नैन द्वार मास रे
तरसे जिया बरसे पिया नैन द्वार मास रे
रुत बसन्त आई नहीं जाये ना चौमास रे
तरसे जिया बरसे पिया नैन द्वार मास रे
जो है मेरे दिल में बसा, चाहता वो ही न मुझे
जो है मेरे दिल में बसा, चाहता वो ही न मुझे
आसरा कोइ न मेरा, चैन है कहीं न मुझे
शाम ढले, दिया बुझे, बुझ न सकी प्यास रे
रुत बसन्त आई नहीं जाये ना चौमास रे
तरसे जिया बरसे पिया, नैन द्वार मास रे
प्यार करूँ जियूँ-मरूँ, मैं किसी के वास्ते
प्यार करूँ जियूँ-मरूँ, मैं किसी के वास्ते
ज़िंदगी में मिल न सके हुस्न मेरे रात से
आज चले बाली उमर आँसुओं के आस रे
रुत बसन्त आई नहीं जाये ना चौमास रे
तरसे जिया बरसे पिया नैन द्वार मास रे