Tere Bina Zindagi Se Koi

GULZAR, RAHUL DEV BURMAN

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई
शिकवा तो नहीं, शिकवा नहीं
शिकवा नहीं शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन
ज़िन्दगी तो नहीं, ज़िन्दगी नहीं
ज़िन्दगी नहीं ज़िन्दगी नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी से शिकवा तो नहीं

काश ऐसा हो
तेरे क़दमों से चुन के मंज़िल चलें
और कहीं, दूर कहीं
काश ऐसा हो
तेरे क़दमों से चुन के मंज़िल चलें
और कहीं, दूर कहीं
तुम गर साथ हो
मंज़िलों की कमी तो नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई
शिकवा तो नहीं, शिकवा नहीं
शिकवा नहीं शिकवा नहीं

जी में आता है
तेरे दामन में सर छुपा के हम
रोते रहें, रोते रहें
जी में आता है
तेरे दामन में सर छुपा के हम
रोते रहें, रोते रहें
तेरी भी आँखों में
आँसुओं की नमी तो नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई
शिकवा, तो नहीं शिकवा नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी भी लेकिन
ज़िंदगी, तो नहीं, ज़िंदगी नहीं
ज़िंदगी नहीं, ज़िंदगी नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी से शिकवा तो नहीं

Trivia about the song Tere Bina Zindagi Se Koi by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Tere Bina Zindagi Se Koi” by Lata Mangeshkar?
The song “Tere Bina Zindagi Se Koi” by Lata Mangeshkar was composed by GULZAR, RAHUL DEV BURMAN.

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