Tum Hi Tum Ho [Classic Revival]

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में

एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में

तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो

तुम मिले मुझे नया जहाँ मिल गया
झूमती जमीं को आसमान मिल गया
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में

एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में

तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो

तुमसे दिल का चैन है तुमसे है करार
तुम न रूठना की रूठ जायेगी बाहर
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में

तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में

तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो

तुम हो मेरे कौन
ज़िन्दगी है क्यूँ हसीं

सुन लो मेरी धड़कने
तोह आएगा यक़ीन

एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में

तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में

तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो

Trivia about the song Tum Hi Tum Ho [Classic Revival] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Tum Hi Tum Ho [Classic Revival]” by Lata Mangeshkar?
The song “Tum Hi Tum Ho [Classic Revival]” by Lata Mangeshkar was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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