Yaad Men Teri Jaag Jaag Ke Hum

Naushad, Shakeel Badayuni

याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फ़त के
धीमे धीमे चिराग़ जलते हैं

जबसे तूने निगाह फेरी है
दिन है सूना तो रात अंधेरी है
चाँद भी अब नजर नहीं आता
अब सितारे भी कम निकलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं

लुट गयी वो बहार की महफ़िल
छुट गयी हमसे प्यार की मंज़िल
ज़िंदगी की उदास राहों में
तेरी यादों के साथ चलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं

तुझको पाकर हमें बहार मिली
तुझसे छुटकर मगर ये बात खुली
बाग़बान ही चमन के फूलों को
अपने पैरों से खुद मसलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं

क्या कहें तुझसे क्यूं हुई दूरी
हम समझते हैं अपनी मजबूरी
तुझको मालूम क्या के तेरे लिये
दिल के गम आँसुओं में ढलते हैं

याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फ़त के
धीमे धीमे चिराग़ जलते हैं

Trivia about the song Yaad Men Teri Jaag Jaag Ke Hum by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Yaad Men Teri Jaag Jaag Ke Hum” by Lata Mangeshkar?
The song “Yaad Men Teri Jaag Jaag Ke Hum” by Lata Mangeshkar was composed by Naushad, Shakeel Badayuni.

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