Yahi Wo Duniyaa Mai Jiska Sapna Saja Rahi Thi

Saraswati Kumar Deepak

यही वो दुनिया
यही वो दुनिया मैं जिसका सपना सजा रही थी
मैं जिसका सपना सजा रही थी
यही वो दुनिया
यही वो दुनिया मैं जिसका सपना सजा रही थी
मैं जिसका सपना सजा रही थी
यही वो दोस्ती यही वो मस्ती
मैं जिसको कब से बुला रही थी
मैं जिसको कब से बुला रही थी

यही वो मंज़िल है मै जिसकी खातिर
कहा कहा पर भटके फिरे
यही वो मंज़िल है मै जिसकी खातिर
कहा कहा पर भटके फिरे
मै हार मानी उसे बताकर मैं आँधियो से तंग थी
मै हार मानी उसे बताकर मैं आँधियो से तंग थी
यही महफ़िल मै जिसकी शमा
बुझा रही थी जला रही थी
बुझा रही थी जला रही थी

इधर है मस्ती उधर उमंगें कहा है गम की निशानिया
इधर है मस्ती उधर उमंगें कहा है गम की निशानिया
ये साज मिलकर सुना रहे है मेरे ही दिल की कहानिया

मैं जिस से सीखू बोहोत दीनो से
आँखों अपनी में छुपा रही थी
अपनी आँखों में छुपा रही थी
यही वो दुनिया
यही वो दुनिया मैं जिसका सपना सजा रही थी
मैं जिसका सपना सजा रही थी

नसीब खुदा का न डर किसी का
यहाँ हमेशा बहार है
नसीब खुदा का न डर किसी का
यहाँ हमेशा बहार है
कली कली से गली गली में
नया निराला निखार है
कली कली से गली गली में
नया निराला निखार है
यही वो जन्नत यही वो किस्मत
जिसे मैं कब से बता रही थी
जिसे मैं कब से बता रही थी
यही वो दुनिया
यही वो दुनिया मैं जिसका सपना सजा रही थी
मैं जिसका सपना सजा रही थी

Trivia about the song Yahi Wo Duniyaa Mai Jiska Sapna Saja Rahi Thi by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Yahi Wo Duniyaa Mai Jiska Sapna Saja Rahi Thi” by Lata Mangeshkar?
The song “Yahi Wo Duniyaa Mai Jiska Sapna Saja Rahi Thi” by Lata Mangeshkar was composed by Saraswati Kumar Deepak.

Most popular songs of Lata Mangeshkar

Other artists of Film score