Yeh Daman Ab Na [Revival]

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफा तुम हो
कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा

उसी ने दुख दिया जिसको पुकारा मेरी आहो ने
उन्ही से जख्म पाए जिनको देखा इन निगाहों ने
मसीहा मेरे अब इन सारे जख्मों की दवा तुम हो
कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा

मैं सर से पाँव तक अपने ही अश्को मे नहाई हूं
लरजते काँपते दिल से तुम्हारे पास आई हूं
छूपा लो अपनी बाहो मे मेरे गम आशना तुम हो
कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफा तुम हो
कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा

Trivia about the song Yeh Daman Ab Na [Revival] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Yeh Daman Ab Na [Revival]” by Lata Mangeshkar?
The song “Yeh Daman Ab Na [Revival]” by Lata Mangeshkar was composed by LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI.

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