Yun Hasraton Ke Dagh [Revival]

MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN

यूँ हसरतों के दाग़ मुहब्बत में धो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही और रो लिये
यूँ हसरतों के दाग़ मुहब्बत में धो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही और रो लिये
यूँ हसरतों के दाग़

घर से चले थे हम तो खुशी की तलाश में
घर से चले थे हम तो खुशी की तलाश में
खुशी की तलाश में
ग़म राह में खड़े थे वही साथ हो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही और रो लिये
यूँ हसरतों के दाग़

मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
फूल ही तो है
अब आप की ख़ुशी से काँटों में सो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही और रो लिये
यूँ हसरतों के दाग़

होंठों को सी चुके तो ज़माने ने ये कहा
होंठों को सी चुके तो ज़माने ने ये कहा
ज़माने ने ये कहा
ये चुप सी क्यों लगी है अजी कुछ तो बोलिये
खुद दिल से दिल की बात कही और रो लिये
यूँ हसरतों के दाग़ मुहब्बत में धो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही और रो लिये
यूँ हसरतों के दाग़

Trivia about the song Yun Hasraton Ke Dagh [Revival] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Yun Hasraton Ke Dagh [Revival]” by Lata Mangeshkar?
The song “Yun Hasraton Ke Dagh [Revival]” by Lata Mangeshkar was composed by MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN.

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