Zid Na Karo Ab To Ruko

BAPPI LAHIRI, FARUK KAISER

ज़िद ना करो अब तो रुको
ये रात नहीं आएगी
ज़िद ना करो अब तो रुको
ये रात नहीं आएगी
माना अगर कहना मेरा
तुमको वफ़ा आ जाएगी
ज़िद ना करो अब तो रुको
ये रात नहीं आएगी

आ आ आ आ आ आ
तनहाई है और तू भी है
चाहा वो ही मिल गया
तनहाई है और तू भी है
चाहा वो ही मिल गया
लग जा गले खुश्बू तेरी
तनमन मेरा महकायेगी
ज़िद ना करो अब तो रुको
ये रात नहीं आयेगी
माना अगर कहना मेरा
तुमको वफ़ा आ जायेगी
ज़िद ना करो अब तो रुको
ये रात नहीं आयेगी

सजना मेरे चुनरी ज़रा
मुख पे मेरे डाल दो
सजना मेरे चुनरी ज़रा
मुख पे मेरे डाल दो
देखा अगर खुल के तूने
तुमको नज़र लग जायेगी
ज़िद ना करो अब तो रुको
ये रात नहीं आयेगी
माना अगर कहना मेरा
तुमको वफ़ा आ जायेगी
ज़िद ना करो अब तो रुको
ये रात नहीं आयेगी

Trivia about the song Zid Na Karo Ab To Ruko by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Zid Na Karo Ab To Ruko” by Lata Mangeshkar?
The song “Zid Na Karo Ab To Ruko” by Lata Mangeshkar was composed by BAPPI LAHIRI, FARUK KAISER.

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